कल मोहल्ले में नेता जी आयेंगे
झूठा मुस्कराएंगे ,हाथ हिलाएंगे
माथा झुकायेंगे ,बेतुका बतियाएंगे
बूढ़ों संग चारपाई पर बैठ जायेंगे
खीसें निपोरेंगे ,हाथ भी फैलाएंगे
कहीं भाभी ,कहीं दादीजी बुलाएंगे
बच्चों के झुंड पीछे नारे लगाएंगे
वोट दो ,वोट दो सभी चिल्लायेंगे
नीले पीले लाल हरे झंडे लहराएंगे
सौदागर की टोपियां बंदर लगाएंगे
वादे सारे झूठे जनता को सुनाएंगे
फिर फसली बटेर नज़र नहीं आयेंगे
देश जाए भाड़ में ये नहीं शरमायेंगे
सोने की चिड़िया के पर नोच खायेंगे
भैंस के आगे लोग बीन तब बजायेंगे। …………… अरविन्द
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें