शनिवार, 18 अक्टूबर 2014

अरविन्द वाणी

अरविन्द वाणी
तलवारों से नहीं जीती  जाती जंग मुहब्बत की
बोलना होगा हमें मुहब्बत महफूज़ रखने के लिए।
-----
हिसाब रखना समय का , दुआ का मुहब्बत में
उपकार जतलाना भी तो जख्म देने के बराबर है।
------
झूठ बोलने की तुम्हारी आदत गयी नहीं
मनाते भी हो और वह भी झूठ बोल कर । ………… अरविन्द

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें