अरविन्द वाणी
तलवारों से नहीं जीती जाती जंग मुहब्बत की
बोलना होगा हमें मुहब्बत महफूज़ रखने के लिए।
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हिसाब रखना समय का , दुआ का मुहब्बत में
उपकार जतलाना भी तो जख्म देने के बराबर है।
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झूठ बोलने की तुम्हारी आदत गयी नहीं
मनाते भी हो और वह भी झूठ बोल कर । ………… अरविन्द
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