रविवार, 12 अक्टूबर 2014

हर वर्ष


पाजेब कंकण चूड़ियां करघनी छन छन छनकती
हर वर्ष उतरता  है  संगीत सीढ़ियां  मेरे घर की ।...अरविन्द

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