जीवन यहाँ ...
जीवन यहाँ महाभारत है
प्रतिक्षण लिखी जाती यहाँ
संघर्षों की इबारत है .
उद्भ्रान्ति यहाँ भ्रान्ति यहाँ .
संशय यहाँ क्लान्ति यहाँ .
कुछ भी नहीं शाश्वत है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
अपना ही चक्रव्यूह रचता .
अपना ही अभिमन्यु मरता .
अपनी ही उत्तरा के भ्रूण पर
अपना ही शस्त्र चलता .
अपनी ही कुंती के संग -
वनबासी होना निश्चित है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
मानव में छिपे जंतु भारी
हिंसक और अत्याचारी .
खेल खेलते भयकारी .
लड़ने की है लाचारी .
जीते जी जीतें या हारें हम
सब मरने की है तैयारी ..
अद्भुत कर्म संकुलता है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
हम स्व स्व स्व ही करते हैं .
स्वार्थ को नेता वरते हैं .
जितनी नैतिकता उतना पाखण्ड .
धर्म हुआ है यहाँ भांड
ईश्वर को पाताल भेज -
रच रहे सभी अपना ब्रह्माण्ड .
शिखंडियों का साम्राज्य यहाँ .
शकुनियों की घातें प्रचण्ड .
एकाक्षी द्रोणो का यहाँ -
निर्द्वन्द्व चले प्रतिघाती दण्ड .
यम का चले सदाव्रत है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
प्रेम नहीं यहाँ सत्य नहीं .
भक्ति नहीं यहाँ भक्त नहीं .
ईश्वर की कोई शक्ति नहीं .
सुनीति नहीं यहाँ रीति नहीं .
भयमुक्त यहाँ कोई वीथी नहीं .
मानव पशु में छिपा हुआ--
दुर्दांत दानव यहाँ रत है .
जीवन यहाँ महाभारत है ......अरविन्द
जीवन यहाँ महाभारत है
प्रतिक्षण लिखी जाती यहाँ
संघर्षों की इबारत है .
उद्भ्रान्ति यहाँ भ्रान्ति यहाँ .
संशय यहाँ क्लान्ति यहाँ .
कुछ भी नहीं शाश्वत है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
अपना ही चक्रव्यूह रचता .
अपना ही अभिमन्यु मरता .
अपनी ही उत्तरा के भ्रूण पर
अपना ही शस्त्र चलता .
अपनी ही कुंती के संग -
वनबासी होना निश्चित है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
मानव में छिपे जंतु भारी
हिंसक और अत्याचारी .
खेल खेलते भयकारी .
लड़ने की है लाचारी .
जीते जी जीतें या हारें हम
सब मरने की है तैयारी ..
अद्भुत कर्म संकुलता है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
हम स्व स्व स्व ही करते हैं .
स्वार्थ को नेता वरते हैं .
जितनी नैतिकता उतना पाखण्ड .
धर्म हुआ है यहाँ भांड
ईश्वर को पाताल भेज -
रच रहे सभी अपना ब्रह्माण्ड .
शिखंडियों का साम्राज्य यहाँ .
शकुनियों की घातें प्रचण्ड .
एकाक्षी द्रोणो का यहाँ -
निर्द्वन्द्व चले प्रतिघाती दण्ड .
यम का चले सदाव्रत है .
जीवन यहाँ महाभारत है .
प्रेम नहीं यहाँ सत्य नहीं .
भक्ति नहीं यहाँ भक्त नहीं .
ईश्वर की कोई शक्ति नहीं .
सुनीति नहीं यहाँ रीति नहीं .
भयमुक्त यहाँ कोई वीथी नहीं .
मानव पशु में छिपा हुआ--
दुर्दांत दानव यहाँ रत है .
जीवन यहाँ महाभारत है ......अरविन्द
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