शुक्रवार, 15 नवंबर 2013

पुकार भरी बातें

सुख पहुंचाती हैं तेरी कवितायी बातें
अनुभव दिखलाती हैं तेरी यही बातें।
कुछ मीठी मीठी कुछ उदास सी बातें
कहीं दुलराती कहीं फटकारती  बातें।
उलझनों को खूब सुलझाती सी बातें
दर्द की मीठी सौगात संभालती  बातें .
दोस्तों की घातें- मुलाकातों की बातें
दुश्मनों की प्यारी चालबाजी की बातें।
रातों को जागती हैं  मनुहार भरी बातें
सुबह सुबह शरमाती लाज भरी बातें।
आम के बौर की तुर्श सुगंध सजी बातें
कोयल की कूक सी पुकार भरी बातें। ............. अरविन्द



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