भारत और ऑस्ट्रेलिया
यात्रा ,विशेषकर विदेश की ,मेरे लिए एक अद्भुत यात्रा रही है। इस समय हम ऑस्ट्रेलिया में हूँ ,अपनी पुत्री गायत्री ,अपने जामाता श्री राजन और अपने दौहित्र ईशान के पास। दो दिन पहले यहाँ पहुंचा हूँ। खुले आकाश से समुद्र को पार करके,बादलों के बीच से रास्ता बनाते हुए ,बादलों के देश में पहुंचा हूँ। ऐसा देश जिसके आकाश में सफ़ेद बादल ऐसे उड़ रहे हैं जैसे किसी धुनकर ने सफ़ेद रुई धुन कर आकाश में खुले मन से उड़ा दी हो या किसी बुढ़िया ने खीझ कर अपनी रजाई उधेड़ दी हो या किसी मनचले ने उजले सफ़ेद खरगोशों को उछल कूद मचाने के लिए आकाश के आँगन में छोड़ दिया हो। ऐसा ही है यह देश। अभी यहां की संस्कृति ,यहां की सभ्यता ,यहां का लोकाचार ,यहां की परम्परा ,यहां के रिवाज और यहां के समाज के विषय में जानना है। यहां के विश्वविद्यालयों में जाना है। यहां अपने देश की भाषा हिंदी की स्थिति को भी समझना है। यहां के मंदिर ,यहां की पूजा ,उपासना को भी समझना है और भारतीय धर्म साधना ,अध्यात्म के बिखरे सूत्रों को भी देखना है। उत्तर भारत और दक्षिण भारत के जो लोग यहां आये हुए हैं ,रह रहे हैं उनके व्यवहार और दैनिकी को भी समझना है।
जब भारत से चला था, तो वहां चुनावी खुमार चढ़ा हुआ था। अब वह खुमार उत्तर चुका है और भारतीय जनता पार्टी पूरे बहुमत से जीत चुकी है। इसे मैं देश का सौभाग्य ही मानता हूँ क्योंकि पिछली सरकारों के गठबंधन की अवसरवादी सोच ने और नेताओं के सत्ताभोगी अहंकार की दूषित मनोवृति ने इस सांस्कृतिक देश को बहुत नुक्सान पहुँचाया है ,बी जे पी अवश्य उस कलंक को धो पायेगी --ऐसी सबको आशा है। कांग्रेस का हारना तो निश्चित था ,परन्तु आम आदमी पार्टी को लोग अस्वीकार कर देंगे यह नहीं सोचा था। इस राजनैतिक दाल को अभी जनतांत्रिक प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखना है। और यह सबके लिए हितकारी भी होगा। स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस ने सोचविहीन तंत्र दिया --यह राजनैतिक सत्य है। इस देश के पास अगर किसी पार्टी के पास देश के सर्वजन समुदाय के अभ्युदय के लिए कोई विचारधारा है ,तो वह केवल भारतीय जनता पार्टी ही है। इस पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर देश की जनता इनकी भी परीक्षा लेना चाहती है --यह इस पार्टी को समझना होगा। और आम आदमी पार्टी को भी इसी प्रकार अपनी सोच को विकसित करना होगा ।
इस यात्रा ने मेरे लिए दोनों पड़ाव खोल दिए हैं। मुझे आस्ट्रेलिया की राजनीती और भारत को भी समझना है। ------------------------अभी इतना ही -----------अरविन्द
यात्रा ,विशेषकर विदेश की ,मेरे लिए एक अद्भुत यात्रा रही है। इस समय हम ऑस्ट्रेलिया में हूँ ,अपनी पुत्री गायत्री ,अपने जामाता श्री राजन और अपने दौहित्र ईशान के पास। दो दिन पहले यहाँ पहुंचा हूँ। खुले आकाश से समुद्र को पार करके,बादलों के बीच से रास्ता बनाते हुए ,बादलों के देश में पहुंचा हूँ। ऐसा देश जिसके आकाश में सफ़ेद बादल ऐसे उड़ रहे हैं जैसे किसी धुनकर ने सफ़ेद रुई धुन कर आकाश में खुले मन से उड़ा दी हो या किसी बुढ़िया ने खीझ कर अपनी रजाई उधेड़ दी हो या किसी मनचले ने उजले सफ़ेद खरगोशों को उछल कूद मचाने के लिए आकाश के आँगन में छोड़ दिया हो। ऐसा ही है यह देश। अभी यहां की संस्कृति ,यहां की सभ्यता ,यहां का लोकाचार ,यहां की परम्परा ,यहां के रिवाज और यहां के समाज के विषय में जानना है। यहां के विश्वविद्यालयों में जाना है। यहां अपने देश की भाषा हिंदी की स्थिति को भी समझना है। यहां के मंदिर ,यहां की पूजा ,उपासना को भी समझना है और भारतीय धर्म साधना ,अध्यात्म के बिखरे सूत्रों को भी देखना है। उत्तर भारत और दक्षिण भारत के जो लोग यहां आये हुए हैं ,रह रहे हैं उनके व्यवहार और दैनिकी को भी समझना है।
जब भारत से चला था, तो वहां चुनावी खुमार चढ़ा हुआ था। अब वह खुमार उत्तर चुका है और भारतीय जनता पार्टी पूरे बहुमत से जीत चुकी है। इसे मैं देश का सौभाग्य ही मानता हूँ क्योंकि पिछली सरकारों के गठबंधन की अवसरवादी सोच ने और नेताओं के सत्ताभोगी अहंकार की दूषित मनोवृति ने इस सांस्कृतिक देश को बहुत नुक्सान पहुँचाया है ,बी जे पी अवश्य उस कलंक को धो पायेगी --ऐसी सबको आशा है। कांग्रेस का हारना तो निश्चित था ,परन्तु आम आदमी पार्टी को लोग अस्वीकार कर देंगे यह नहीं सोचा था। इस राजनैतिक दाल को अभी जनतांत्रिक प्रक्रिया में बहुत कुछ सीखना है। और यह सबके लिए हितकारी भी होगा। स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस ने सोचविहीन तंत्र दिया --यह राजनैतिक सत्य है। इस देश के पास अगर किसी पार्टी के पास देश के सर्वजन समुदाय के अभ्युदय के लिए कोई विचारधारा है ,तो वह केवल भारतीय जनता पार्टी ही है। इस पार्टी को पूर्ण बहुमत देकर देश की जनता इनकी भी परीक्षा लेना चाहती है --यह इस पार्टी को समझना होगा। और आम आदमी पार्टी को भी इसी प्रकार अपनी सोच को विकसित करना होगा ।
इस यात्रा ने मेरे लिए दोनों पड़ाव खोल दिए हैं। मुझे आस्ट्रेलिया की राजनीती और भारत को भी समझना है। ------------------------अभी इतना ही -----------अरविन्द
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