सोमवार, 15 अप्रैल 2013

कवि श्री सूद साहिब की कविता होठों में गुलाब ....पर

कवि श्री सूद साहिब की कविता होठों में गुलाब ....पर
कौन सी कामानना ,कामायनी ,कमनीय काया --
कामिनी की  कामना ने कान्त -मन कैसे मनाया .
काम ने आ कान में आ कुनमुना करके कुनन्मुन
कौन से किन कामना के काननों में जा बसाया ..

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