यां चिन्तयामि
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बुधवार, 26 फ़रवरी 2014
मुस्कुरा के
लोग हैं कि घर आकर चालाकी दिखा जाते हैं
हम हैं सब देखते हैं और मुस्कुरा के रह जाते हैं । ……… अरविन्द
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