जीओ तो अपना जीवन जीओ
उधार का जीना जीना नहीं है
कब तक आवरणों में छिपे रहोगे
मुखौटों को होना ,होना नहीं है।
होना तो सूरज की तरह होना
चाँदनी की तरह होना भी होना है
किसी को ओढ़ कर होना होना नहीं है।
न अँधेरा बुरा ,न अँधेरे में रहना बुरा
बेगानी मोमबत्ती सा होना ,होना नहीं है।
रेट रटाये शब्द छोड़ जाते हैं साथ
झूठ का जीना ,सच जीना नहीं है।
परिंदों के बच्चे भी छलांग लगा देते हैं
अपने सुरक्षित घौंसलों से ,
सत्य को समझना ही सत्य होना है।
दुबकना पराजय है होने की
धरती को चीर
बीज का फूल होना ही
सत्य होना है। ……………… अरविन्द
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