1947 में कांग्रेस को एक स्वाभिमानी ,जुझारू ,बलिदानी ,संकल्पित ,मानवीय
मूल्यों से युक्त ,परंपरा और संस्कृति का संरक्षक ,प्रेमपूर्ण भारत हमारे
बुजुर्गों ने सौंपा था .कांग्रेस ने इस भारत को सिर विहीन ,संकल्पहीन
,निसत्व ,स्वाभिमान रहित और आत्म प्रवंचक बना दिया है सत्ता लोलुप राजनीति
और अवसरवादी नेताओं ने इस देश की शक्ति का शोषण कर लिया है .अब के भारत ने
लड़ने की ,आत्म रक्षा करने की ,अपनी अस्मिता और अस्तित्व को प्रकट करने की
शक्ति को खो दिया है .क्या हम इस विकृति को रोक सकेंगे ? या अपनी भावी पीढ़ी
को निसत्व भारत सौंप जाएँगे ...हर आम आदमी को सोचना पड़ रहा है .क्योंकि
सत्ता में आम आदमी की कोई भागीदारी नहीं रही है ...यह भी देश की जनता के
साथ राजनीतिज्ञों का विश्वासघात है .दुर्भाग्य यह है कि कोई भी पार्टी
भारतीयता और भारत के स्वाभिमान की रक्षा नहीं कर पाई है .हमें और हमारे
बच्चों को एक कलंकित और भ्रष्ट राष्ट्र दाय में मिला है .......
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें